59فَبَدَّلَ الَّذينَ ظَلَموا قَولًا غَيرَ الَّذي قيلَ لَهُم فَأَنزَلنا عَلَى الَّذينَ ظَلَموا رِجزًا مِنَ السَّماءِ بِما كانوا يَفسُقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो जो बात उनसे कही गई थी उसे शरीरों ने बदलकर दूसरी बात कहनी शुरू कर दी तब हमने उन लोगों पर जिन्होंने शरारत की थी उनकी बदकारी की वजह से आसमानी बला नाज़िल की