57وَظَلَّلنا عَلَيكُمُ الغَمامَ وَأَنزَلنا عَلَيكُمُ المَنَّ وَالسَّلوىٰ ۖ كُلوا مِن طَيِّباتِ ما رَزَقناكُم ۖ وَما ظَلَمونا وَلٰكِن كانوا أَنفُسَهُم يَظلِمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर हमने तुम पर अब्र का साया किया और तुम पर मन व सलवा उतारा और (ये भी तो कह दिया था कि) जो सुथरी व नफीस रोज़िया तुम्हें दी हैं उन्हें शौक़ से खाओ, और उन लोगों ने हमारा तो कुछ बिगड़ा नहीं मगर अपनी जानों पर सितम ढाते रहे