97فَإِنَّما يَسَّرناهُ بِلِسانِكَ لِتُبَشِّرَ بِهِ المُتَّقينَ وَتُنذِرَ بِهِ قَومًا لُدًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः हमने इस वाणी को तुम्हारी भाषा में इसी लिए सहज एवं उपयुक्त बनाया है, ताकि तुम इसके द्वारा डर रखनेवालों को शुभ सूचना दो और उन झगड़ालू लोगों को इसके द्वारा डराओ