1الحَمدُ لِلَّهِ الَّذي أَنزَلَ عَلىٰ عَبدِهِ الكِتابَ وَلَم يَجعَل لَهُ عِوَجًا ۜफ़ारूक़ ख़ान & अहमदप्रशंसा अल्लाह के लिए है जिसने अपने बन्दे पर यह किताब अवतरित की और उसमें (अर्थात उस बन्दे में) कोई टेढ़ नहीं रखी,