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Sura 19
Aya 79
79
كَلّا ۚ سَنَكتُبُ ما يَقولُ وَنَمُدُّ لَهُ مِنَ العَذابِ مَدًّا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

कदापि नहीं, हम लिखेंगे जो कुछ वह कहता है और उसके लिए हम यातना को दीर्घ करते चले जाएँगे।