61جَنّاتِ عَدنٍ الَّتي وَعَدَ الرَّحمٰنُ عِبادَهُ بِالغَيبِ ۚ إِنَّهُ كانَ وَعدُهُ مَأتِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअदन (रहने) के बाग़ जिनका रहमान ने अपने बन्दों से परोक्ष में होते हुए वादा किया है। निश्चय ही उसके वादे पर उपस्थित हाना है। -