32وَبَرًّا بِوالِدَتي وَلَم يَجعَلني جَبّارًا شَقِيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (अलहमदोलिल्लाह कि) मुझको सरकश नाफरमान नहीं बनाया