33وَالسَّلامُ عَلَيَّ يَومَ وُلِدتُ وَيَومَ أَموتُ وَيَومَ أُبعَثُ حَيًّاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (खुदा की तरफ़ से) जिस दिन मैं पैदा हुआ हूँ और जिस दिन मरूँगा मुझ पर सलाम है और जिस दिन (दोबारा) ज़िन्दा उठा कर खड़ा किया जाऊँगा