45وَاضرِب لَهُم مَثَلَ الحَياةِ الدُّنيا كَماءٍ أَنزَلناهُ مِنَ السَّماءِ فَاختَلَطَ بِهِ نَباتُ الأَرضِ فَأَصبَحَ هَشيمًا تَذروهُ الرِّياحُ ۗ وَكانَ اللَّهُ عَلىٰ كُلِّ شَيءٍ مُقتَدِرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उनके समक्ष सांसारिक जीवन की उपमा प्रस्तुत करो, यह ऐसी है जैसे पानी हो, जिसे हमने आकाश से उतारा तो उससे धरती की पौध घनी होकर परस्पर गुँथ गई। फिर वह चूरा-चूरा होकर रह गई, जिसे हवाएँ उड़ाए लिए फिरती है। अल्लाह को तो हर चीज़ की सामर्थ्य प्राप्त है