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Sura 18
Aya 35
35
وَدَخَلَ جَنَّتَهُ وَهُوَ ظالِمٌ لِنَفسِهِ قالَ ما أَظُنُّ أَن تَبيدَ هٰذِهِ أَبَدًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और ये बातें करता हुआ अपने बाग़ मे भी जा पहुँचा हालॉकि उसकी आदत ये थी कि (कुफ्र की वजह से) अपने ऊपर आप ज़ुल्म कर रहा था (ग़रज़ वह कह बैठा) कि मुझे तो इसका गुमान नहीं तो कि कभी भी ये बाग़ उजड़ जाए