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Sura 18
Aya 36
36
وَما أَظُنُّ السّاعَةَ قائِمَةً وَلَئِن رُدِدتُ إِلىٰ رَبّي لَأَجِدَنَّ خَيرًا مِنها مُنقَلَبًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और मै तो ये भी नहीं ख्याल करता कि क़यामत क़ायम होगी और (बिलग़रज़ हुई भी तो) जब मै अपने परवरदिगार की तरफ लौटाया जाऊँगा तो यक़ीनन इससे कहीं अच्छी जगह पाऊँगा