34وَكانَ لَهُ ثَمَرٌ فَقالَ لِصاحِبِهِ وَهُوَ يُحاوِرُهُ أَنا أَكثَرُ مِنكَ مالًا وَأَعَزُّ نَفَرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उसे फल मिला तो अपने साथी से जो उससे बातें कर रहा था बोल उठा कि मै तो तुझसे माल में (भी) ज्यादा हूँ और जत्थे में भी बढ़ कर हूँ