35وَدَخَلَ جَنَّتَهُ وَهُوَ ظالِمٌ لِنَفسِهِ قالَ ما أَظُنُّ أَن تَبيدَ هٰذِهِ أَبَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवह अपने हकड में ज़ालिम बनकर बाग़ में प्रविष्ट हुआ। कहने लगा, "मैं ऐसा नहीं समझता कि वह कभी विनष्ट होगा