26قُلِ اللَّهُ أَعلَمُ بِما لَبِثوا ۖ لَهُ غَيبُ السَّماواتِ وَالأَرضِ ۖ أَبصِر بِهِ وَأَسمِع ۚ ما لَهُم مِن دونِهِ مِن وَلِيٍّ وَلا يُشرِكُ في حُكمِهِ أَحَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "अल्लाह भली-भाँति जानता है जितना वे ठहरे।" आकाशों और धरती की छिपी बात का सम्बन्ध उसी से है। वह क्या ही देखनेवाला और सुननेवाला है! उससे इतर न तो उनका कोई संरक्षक है और न वह अपने प्रभुत्व और सत्ता में किसी को साझीदार बनाता है