68أَفَأَمِنتُم أَن يَخسِفَ بِكُم جانِبَ البَرِّ أَو يُرسِلَ عَلَيكُم حاصِبًا ثُمَّ لا تَجِدوا لَكُم وَكيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या तुम उसको इस का भी इत्मिनान हो गया कि वह तुम्हें खुश्की की तरफ (ले जाकर) (क़ारुन की तरह) ज़मीन में धंसा दे या तुम पर (क़ौम) लूत की तरह पत्थरों का मेंह बरसा दे फिर (उस वक्त) तुम किसी को अपना कारसाज़ न पाओगे