45وَإِذا قَرَأتَ القُرآنَ جَعَلنا بَينَكَ وَبَينَ الَّذينَ لا يُؤمِنونَ بِالآخِرَةِ حِجابًا مَستورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब तुम क़ुरआन पढ़ते हो तो हम तुम्हारे और उन लोगों के बीच, जो आख़िरत को नहीं मानते एक अदृश्य पर्दे की आड़ कर देते है