30إِنَّ رَبَّكَ يَبسُطُ الرِّزقَ لِمَن يَشاءُ وَيَقدِرُ ۚ إِنَّهُ كانَ بِعِبادِهِ خَبيرًا بَصيرًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हारा रब जिसको चाहता है प्रचुर और फैली हुई रोज़ी प्रदान करता है और इसी प्रकार नपी-तुली भी। निस्संदेह वह अपने बन्दों की ख़बर और उनपर नज़र रखता है