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Sura 17
Aya 28
28
وَإِمّا تُعرِضَنَّ عَنهُمُ ابتِغاءَ رَحمَةٍ مِن رَبِّكَ تَرجوها فَقُل لَهُم قَولًا مَيسورًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

किन्तु यदि तुम्हें अपने रब की दयालुता की खोज में, जिसकी तुम आशा रखते हो, उनसे कतराना भी पड़े, तो इस दशा में तुम उनसें नर्म बात करो