13وَكُلَّ إِنسانٍ أَلزَمناهُ طائِرَهُ في عُنُقِهِ ۖ وَنُخرِجُ لَهُ يَومَ القِيامَةِ كِتابًا يَلقاهُ مَنشورًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमने प्रत्येक मनुष्य का शकुन-अपशकुन उसकी अपनी गरदन से बाँध दिया है और क़ियामत के दिन हम उसके लिए एक किताब निकालेंगे, जिसको वह खुला हुआ पाएगा