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Sura 17
Aya 111
111
وَقُلِ الحَمدُ لِلَّهِ الَّذي لَم يَتَّخِذ وَلَدًا وَلَم يَكُن لَهُ شَريكٌ فِي المُلكِ وَلَم يَكُن لَهُ وَلِيٌّ مِنَ الذُّلِّ ۖ وَكَبِّرهُ تَكبيرًا

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और कहो, "प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने न तो अपना कोई बेटा बनाया और न बादशाही में उसका कोई सहभागी है और न ऐसा ही है कि वह दीन-हीन हो जिसके कारण बचाव के लिए उसका कोई सहायक मित्र हो।" और बड़ाई बयान करो उसकी, पूर्ण बड़ाई