110قُلِ ادعُوا اللَّهَ أَوِ ادعُوا الرَّحمٰنَ ۖ أَيًّا ما تَدعوا فَلَهُ الأَسماءُ الحُسنىٰ ۚ وَلا تَجهَر بِصَلاتِكَ وَلا تُخافِت بِها وَابتَغِ بَينَ ذٰلِكَ سَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकह दो, "तुम अल्लाह को पुकारो या रहमान को पुकारो या जिस नाम से भी पुकारो, उसके लिए सब अच्छे ही नाम है।" और अपनी नमाज़ न बहुत ऊँची आवाज़ से पढ़ो और न उसे बहुत चुपके से पढ़ो, बल्कि इन दोनों के बीच मध्य मार्ग अपनाओ