94وَلا تَتَّخِذوا أَيمانَكُم دَخَلًا بَينَكُم فَتَزِلَّ قَدَمٌ بَعدَ ثُبوتِها وَتَذوقُوا السّوءَ بِما صَدَدتُم عَن سَبيلِ اللَّهِ ۖ وَلَكُم عَذابٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम अपनी क़समों को परस्पर हस्तक्षेप करने का बहाना न बना लेना। कहीं ऐसा न हो कि कोई क़दम जमने के पश्चात उखड़ जाए और अल्लाह के मार्ग से तुम्हारे रोकने के बदले में तुम्हें तकलीफ़ का मज़ा चखना पड़े और तुम एक बड़ी यातना के भागी ठहरो