93وَلَو شاءَ اللَّهُ لَجَعَلَكُم أُمَّةً واحِدَةً وَلٰكِن يُضِلُّ مَن يَشاءُ وَيَهدي مَن يَشاءُ ۚ وَلَتُسأَلُنَّ عَمّا كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि अल्लाह चाहता तो तुम सबको एक ही समुदाय बना देता, परन्तु वह जिसे चाहता है गुमराही में छोड़ देता है और जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखाता है। तुम जो कुछ भी करते हो उसके विषय में तो तुमसे अवश्य पूछा जाएगा