54ثُمَّ إِذا كَشَفَ الضُّرَّ عَنكُم إِذا فَريقٌ مِنكُم بِرَبِّهِم يُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब वह उस तकलीफ़ को तुमसे टाल देता है, तो क्या देखते है कि तुममें से कुछ लोग अपने रब के साथ साझीदार ठहराने लगते है,