111۞ يَومَ تَأتي كُلُّ نَفسٍ تُجادِلُ عَن نَفسِها وَتُوَفّىٰ كُلُّ نَفسٍ ما عَمِلَت وَهُم لا يُظلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन प्रत्येक व्यक्ति अपनी और प्रत्येक व्यक्ति को जो कुछ उसने किया होगा, उसका पूरा-पूरा बदला चुका दिया जाएगा, और उनपर कुछ भी अत्याचार न होगा