101وَإِذا بَدَّلنا آيَةً مَكانَ آيَةٍ ۙ وَاللَّهُ أَعلَمُ بِما يُنَزِّلُ قالوا إِنَّما أَنتَ مُفتَرٍ ۚ بَل أَكثَرُهُم لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजब हम किसी आयत की जगह दूसरी आयत बदलकर लाते है - और अल्लाह भली-भाँति जानता है जो कुछ वह अवतरित करता है - तो वे कहते है, "तुम स्वयं ही घड़ लेते हो!" नहीं, बल्कि उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते