100إِنَّما سُلطانُهُ عَلَى الَّذينَ يَتَوَلَّونَهُ وَالَّذينَ هُم بِهِ مُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउसका ज़ोर तो बस उन्हीं लोगों पर चलता है जो उसे अपना मित्र बनाते है और उस (अल्लाह) के साथ साझी ठहराते है