4وَما أَهلَكنا مِن قَريَةٍ إِلّا وَلَها كِتابٌ مَعلومٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअनक़रीब ही (इसका नतीजा) उन्हें मालूम हो जाएगा और हमने कभी कोई बस्ती तबाह नहीं की मगर ये कि उसकी तबाही के लिए (पहले ही से) समझी बूझी मियाद मुक़र्रर लिखी हुई थी