42وَلا تَحسَبَنَّ اللَّهَ غافِلًا عَمّا يَعمَلُ الظّالِمونَ ۚ إِنَّما يُؤَخِّرُهُم لِيَومٍ تَشخَصُ فيهِ الأَبصارُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअब ये अत्याचारी जो कुछ कर रहे है, उससे अल्लाह को असावधान न समझो। वह तो इन्हें बस उस दिन तक के लिए टाल रहा है जबकि आँखे फटी की फटी रह जाएँगी,