43مُهطِعينَ مُقنِعي رُءوسِهِم لا يَرتَدُّ إِلَيهِم طَرفُهُم ۖ وَأَفئِدَتُهُم هَواءٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअपने सिर उठाए भागे चले जा रहे होंगे; उनकी निगाह स्वयं उनकी अपनी ओर भी न फिरेगी और उनके दिल उड़े जा रहे होंगे