41رَبَّنَا اغفِر لي وَلِوالِدَيَّ وَلِلمُؤمِنينَ يَومَ يَقومُ الحِسابُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहमारे रब! मुझे और मेरे माँ-बाप को और मोमिनों को उस दिन क्षमाकर देना, जिस दिन हिसाब का मामला पेश आएगा।"