63فَلَمّا رَجَعوا إِلىٰ أَبيهِم قالوا يا أَبانا مُنِعَ مِنَّا الكَيلُ فَأَرسِل مَعَنا أَخانا نَكتَل وَإِنّا لَهُ لَحافِظونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और इस लालच में) यायद फिर पलट के आएं ग़रज़ जब ये लोग अपने वालिद के पास पलट के आए तो सब ने मिलकर अर्ज़ की ऐ अब्बा हमें (आइन्दा) गल्ले मिलने की मुमानिअत (मना) कर दी गई है तो आप हमारे साथ हमारे भाई (बिन यामीन) को भेज दीजिए