58وَجاءَ إِخوَةُ يوسُفَ فَدَخَلوا عَلَيهِ فَعَرَفَهُم وَهُم لَهُ مُنكِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(और चूंकि कनआन में भी कहत (सूखा) था इस वजह से) यूसुफ के (सौतेले भाई ग़ल्ला ख़रीदने को मिस्र में) आए और यूसुफ के पास गए तो उनको फौरन ही पहचान लिया और वह लोग उनको न पहचान सके