57وَلَأَجرُ الآخِرَةِ خَيرٌ لِلَّذينَ آمَنوا وَكانوا يَتَّقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो लोग ईमान लाए और परहेज़गारी करते रहे उनके लिए आख़िरत का अज्र उसी से कही बेहतर है