39يا صاحِبَيِ السِّجنِ أَأَربابٌ مُتَفَرِّقونَ خَيرٌ أَمِ اللَّهُ الواحِدُ القَهّارُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ मेरे कैद ख़ाने के दोनो रफीक़ों (साथियों) (ज़रा ग़ौर तो करो कि) भला जुदा जुदा माबूद अच्छे या ख़ुदाए यकता ज़बरदस्त (अफसोस)