38وَاتَّبَعتُ مِلَّةَ آبائي إِبراهيمَ وَإِسحاقَ وَيَعقوبَ ۚ ما كانَ لَنا أَن نُشرِكَ بِاللَّهِ مِن شَيءٍ ۚ ذٰلِكَ مِن فَضلِ اللَّهِ عَلَينا وَعَلَى النّاسِ وَلٰكِنَّ أَكثَرَ النّاسِ لا يَشكُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर मैं तो अपने बाप दादा इबराहीम व इसहाक़ व याक़ूब के मज़हब पर चलने वाला हूँ मुनासिब नहीं कि हम ख़ुदा के साथ किसी चीज़ को (उसका) शरीक बनाएँ ये भी ख़ुदा की एक बड़ी मेहरबानी है हम पर भी और तमाम लोगों पर मगर बहुतेरे लोग उसका शुक्रिया (भी) अदा नहीं करते