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Sura 12
Aya 29
29
يوسُفُ أَعرِض عَن هٰذا ۚ وَاستَغفِري لِذَنبِكِ ۖ إِنَّكِ كُنتِ مِنَ الخاطِئينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(और यूसुफ से कहा) ऐ यूसुफ इसको जाने दो और (औरत से कहा) कि तू अपने गुनाह की माफी माँग क्योंकि बेशक तू ही सरतापा ख़तावार है