107أَفَأَمِنوا أَن تَأتِيَهُم غاشِيَةٌ مِن عَذابِ اللَّهِ أَو تَأتِيَهُمُ السّاعَةُ بَغتَةً وَهُم لا يَشعُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या ये लोग इस बात से मुतमइन हो बैठें हैं कि उन पर ख़ुदा का अज़ाब आ पड़े जो उन पर छा जाए या उन पर अचानक क़यामत ही आ जाए और उनको कुछ ख़बर भी न हो