104وَما تَسأَلُهُم عَلَيهِ مِن أَجرٍ ۚ إِن هُوَ إِلّا ذِكرٌ لِلعالَمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम उनसे इसका कोई बदला भी नहीं माँगते। यह तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मरण है