103وَما أَكثَرُ النّاسِ وَلَو حَرَصتَ بِمُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु चाहे तुम कितना ही चाहो, अधिकतर लोग तो मानेंगे नहीं