86بَقِيَّتُ اللَّهِ خَيرٌ لَكُم إِن كُنتُم مُؤمِنينَ ۚ وَما أَنا عَلَيكُم بِحَفيظٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअगर तुम सच्चे मोमिन हो तो ख़ुदा का बक़िया तुम्हारे वास्ते कही अच्छा है और मैं तो कुछ तुम्हारा निगेहबान नहीं