You are here: Home » Chapter 11 » Verse 8 » Translation
Sura 11
Aya 8
8
وَلَئِن أَخَّرنا عَنهُمُ العَذابَ إِلىٰ أُمَّةٍ مَعدودَةٍ لَيَقولُنَّ ما يَحبِسُهُ ۗ أَلا يَومَ يَأتيهِم لَيسَ مَصروفًا عَنهُم وَحاقَ بِهِم ما كانوا بِهِ يَستَهزِئونَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और अगर हम गिनती के चन्द रोज़ो तक उन पर अज़ाब करने में देर भी करें तो ये लोग (अपनी शरारत से) बेताम्मुल ज़रुर कहने लगेगें कि (हाए) अज़ाब को कौन सी चीज़ रोक रही है सुन रखो जिस दिन इन पर अज़ाब आ पडे तो (फिर) उनके टाले न टलेगा और जिस (अज़ाब) की ये लोग हँसी उड़ाया करते थे वह उनको हर तरह से घेर लेगा