41۞ وَقالَ اركَبوا فيها بِسمِ اللَّهِ مَجراها وَمُرساها ۚ إِنَّ رَبّي لَغَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर नूह ने (अपने साथियों से) कहा बिस्मिल्ला मज़रीहा मुरसाहा (ख़ुदा ही के नाम से उसका बहाओ और ठहराओ है) कश्ती में सवार हो जाओ बेशक मेरा परवरदिगार बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है