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Sura 11
Aya 40
40
حَتّىٰ إِذا جاءَ أَمرُنا وَفارَ التَّنّورُ قُلنَا احمِل فيها مِن كُلٍّ زَوجَينِ اثنَينِ وَأَهلَكَ إِلّا مَن سَبَقَ عَلَيهِ القَولُ وَمَن آمَنَ ۚ وَما آمَنَ مَعَهُ إِلّا قَليلٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

यहाँ तक कि जब हमारा हुक्म (अज़ाब) आ पहुँचा और तन्नूर से जोश मारने लगा तो हमने हुक्म दिया (ऐ नूह) हर किस्म के जानदारों में से (नर मादा का) जोड़ा (यानि) दो दो ले लो और जिस (की) हलाकत (तबाही) का हुक्म पहले ही हो चुका हो उसके सिवा अपने सब घर वाले और जो लोग ईमान ला चुके उन सबको कश्ती (नाँव) में बैठा लो और उनके साथ ईमान भी थोड़े ही लोग लाए थे