66أَلا إِنَّ لِلَّهِ مَن فِي السَّماواتِ وَمَن فِي الأَرضِ ۗ وَما يَتَّبِعُ الَّذينَ يَدعونَ مِن دونِ اللَّهِ شُرَكاءَ ۚ إِن يَتَّبِعونَ إِلَّا الظَّنَّ وَإِن هُم إِلّا يَخرُصونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजान रखो! जो कोई भी आकाशों में है और जो कोई धरती में है, अल्लाह ही का है। जो लोग अल्लाह को छोड़कर दूसरे साझीदारों को पुकारते है, वे आखिर किसका अनुसरण करते है? वे तो केवल अटकल पर चलते है और वे निरे अटकले दौड़ाते है