65وَلا يَحزُنكَ قَولُهُم ۘ إِنَّ العِزَّةَ لِلَّهِ جَميعًا ۚ هُوَ السَّميعُ العَليمُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदउनकी बात तुम्हें दुखी न करे, सारा प्रभुत्व अल्लाह ही के लिए है, वह सुनता, जानता है