67هُوَ الَّذي جَعَلَ لَكُمُ اللَّيلَ لِتَسكُنوا فيهِ وَالنَّهارَ مُبصِرًا ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يَسمَعونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदवही है जिसने तुम्हारे लिए रात बनाई ताकि तुम उसमें चैन पाओ और दिन को प्रकाशमान बनाया (ताकि तुम उसमें दौड़-धूप कर सको); निस्संदेह इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है, जो सुनते है