51أَثُمَّ إِذا ما وَقَعَ آمَنتُم بِهِ ۚ آلآنَ وَقَد كُنتُم بِهِ تَستَعجِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या फिर जब वह घटित हो जाएगी तब तुम उसे मानोगे? - क्या अब! इसी के लिए तो तुम जल्दी मचा रहे थे!"