52ثُمَّ قيلَ لِلَّذينَ ظَلَموا ذوقوا عَذابَ الخُلدِ هَل تُجزَونَ إِلّا بِما كُنتُم تَكسِبونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"फिर अत्याचारी लोगों से कहा जाएगा, "स्थायी यातना का मज़ा चख़ो! जो कुछ तुम कमाते रहे हो, उसके सिवा तुम्हें और क्या बदला दिया जा सकता है?"