45وَيَومَ يَحشُرُهُم كَأَن لَم يَلبَثوا إِلّا ساعَةً مِنَ النَّهارِ يَتَعارَفونَ بَينَهُم ۚ قَد خَسِرَ الَّذينَ كَذَّبوا بِلِقاءِ اللَّهِ وَما كانوا مُهتَدينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन वह उनको इकट्ठा करेगा तो ऐसा जान पड़ेगा जैसे वे दिन की एक घड़ी भर ठहरे थे। वे परस्पर एक-दूसरे को पहचानेंगे। वे लोग घाटे में पड़ गए, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया और वे मार्ग न पा सके